गांव में हाथी ने शारब भट्टी से लेवी पहुंची ,लोग ने हाथी से जान माल की नुक्सान की संभावना जताई।
चाडिल,महुआ खाने आ धमकते है हाथी, जान माल की करता है क्षति का आशंका जताई जाती है।गांव में शराब की चुलाई के बाद अवशेष महुआ को भटृटी संचालक आसपास फेंक देता है। महुआ के गंध से हाथियों के झुंड गांव में आ धमकते है। महुआ खाकर हाथी मदमस्त होकर किसानों के फसल को नष्ट कर देता है, मकान तोड़ डालता है और कभी लोगों पर भी हमला बोलते हैं। जिससे लोगों का जान जाता है या गंभीर रूप से घायल होता है।
गांव में हाथी भी शारब मालिकों लेबी ने हाथी लोग और जान माल की नुक्सान की संभावना जातीइ। संनद् रहे कुछ गांव में अवैध शराब के धंधे चल रहे। मदिरापान युग युगांतर से चल रहा है।एक सरकार की ओर हर जगह सरकारी शारब दुकान की अनुज्ञप्ति दी जाती है। दुसरे ओर महुआ शारब को पुलिस के द्वारा कभी अभियान चलाया जाता है। गांव के शरब भट्टी हाथी पुलिस, अनुज्ञप्ति शराब के ठीकेदारों द्वारा शारब के भट्टी तोड़ा जाता है।शराब भटृटी में कुछ छुटे भैया का निगाह रहती है।
नीमडीह थाना क्षेत्र के दर्जनों गांव की गलियां अवैध महुआ शराब से महकने लगा
गरीबों को धीमा जहर परोस कर करोड़पति बन रहा है भट्ठी संचालक
चांडिल : नीमडीह थाना क्षेत्र के पुरियारा, जुगिलोंग, मुरु, तिलाईटांड़, हेंसालोंग, लाकड़ी, हुंडरू, बनडीह आदि गांव के गलियां इन दिनों अवैध महुआ शराब की दुर्गंध से महकने लगा है। इन गांवों में एक दर्जनों अवैध महुआ शराब की भट्ठियां संचालित हो रहा है। इन गांवों में अवैध महुआ शराब चुलाई कुटीर उद्योग का रूप धारण किया है। इन गांवों से प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ शराब नीमडीह, चांडिल व तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में पहुंचाया जाता है। कम कीमत पर मिलने के कारण मजदुर एवं युवा वर्ग महुआ शराब के लत से जकड़ कर मौत को करीब बुला रहे हैं। अनेक लोग अकाल मृत्यु के शिकार भी होते हैं और परिवार को दुःख की दरिया में डाल देते हैं। अवैध शराब के कारण आए दिन गांव में अशांति भी फैलती है। बताया गया कि कई कारोबारियों ने अवैध शराब के कमाई से हाईवा खरीद लिया है। इधर ग्रामीणों को धीमा जहर परोस कर शराब कारोबारी करोड़पति बन रहा है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि महुआ शराब से सबसे ज्यादा विपरीत असर युवा पीढ़ी पर पढ़ रहा है। शराब के लत से युवा वर्ग नशा के दलदल में धंसते चले जा रहे हैं और अपने साथ परिवार के सपनों को चकनाचूर कर रहे हैं। शराब के लत लगने वाले लोगों के परिवार में रोजाना कलह होना आम बात है।
अवैध महुआ शराब कारोबारियों का पुलिस का खौफ नहीं है। अहले सुबह चार बजे से पूरे दिन नीमडीह, चांडिल वा तिरूलडीह थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मोटरसाईकिल से शराब पहुंचाया जाता है। बताया गया कि गांव के बाहर टेंट लगाकर शराब चुलाई को फैक्ट्री का रूप दिया गया है। जहां दिन रात शराब चुलाई का काम किया जाता है।
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