चांडिल , ईचागढ़ विस क्षेत्र हाथी के चारागाह बने ,विभाग कुंभकर्ण निंद्रा में,हाथी की आतंक से जनजीवन अस्त-व्यस्त व्यस्त ।
चांडिल वन क्षेत्र के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के नीमडीह प्रखण्ड अंतर्गत हाथी की झंडू से प्रभावित गांव - बाना रसूनिया,होदागोड़ा,कुशपुतुल, कागलाठाढ़, पितकी,रावताड़ा, जुगीलोंग पुड़ियारा, कादला, चातरमा,सीमा गुंडा आदि गांव के ग्रामीण दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी चांडिल गज परियोजना के हाथी की झुंड पलायन करके विगत लगभग तीन साल से अधिक ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चारों प्रखण्ड अंतर्गत हाथी के दहशत से त्रास्त लोग वन विभाग और जनप्रतिनिधि से गुहार लगाई। ईचागढ़ विधानसभा के जनता को नहीं मिली राहात । जनप्रतिनिधि ने टोच, पटाखे देकर अपने दायित्व से मुकड़े।सुबह और साम ढलते ही जंगल से हाथी की मुख्य सड़क के किनारे हाथी के झुंड उतर जाते हैं । हाथी अपने भोजन के हेतु गांव में प्रवेश करके उत्पाद मचाने लगाते हैं ।किसान की खेत में खड़ी धान की फसल को अपना निवाला बनाते , रौंदता हुए झुंड दूसरे खेती में घुस जाते हे। बाना जंगल में तीन बर्ष पहले 16 की झुंड था ।अभी झुंड में 25 से 30 हो गया जिसमें बड़े छोटे हाथी की बच्चा 9 हो गया ।दो माह से कर तीन साल का हे।जिसके कारण हाथी झुंड बाना जंगल को नहीं छोड़ा । दक्षिण पूर्वी रेलवे ट्रैक को पार करके बाना गांव पहुंच जाते ओर खेतों में चरने लगा ।साथ ही फसल को नष्ट कर देता ,जिसे ग्रामीणों ने वन विभाग के प्रति नाराजगी देखा गया ।आज तक वन विभाग ग्रामीणों को कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं कराया गया। हाथी द्वारा क्षत्रि पूर्ति का मुआवजा की राशि किसान को नहीं दिया गया
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