एआईडीएसओ द्वारा सत्र 2020-21 के छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को पुनः चालू करने की मांग की गई

एआईडीएसओ द्वारा सत्र 2020-21 के छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को पुनः चालू  करने की मांग की गई
 

Aidso ने सरकार की छात्रों को छात्रवृत्ति से वंचित करने के जरिये, लोक कल्याणकारी नीतियों समाप्त करने की सरकार की साजिश बताकर 2020-21 सत्र के छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल की मांग की गई। जिसके लिए पूर्व से ही संगठन आंदोलनरत है।
 ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स आर्गेनाइजेशन के राज्य सचिव ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण सभी पाठ्यक्रमों के सत्र विलंब हो गए थे। जिसके कारण नामांकन की प्रक्रिया जारी रहने के बीच में ही सत्र 2020- 21 के अधिकांश पाठ्यक्रमों के छात्र छात्रवृत्ति से वंचित रह गए थे। इसको लेकर के छात्रों द्वारा विभिन्न स्तर पर आंदोलन किया जा रहा था। पूर्व की सरकार ने छात्रवृत्ति में कटौती की थी जबकि वर्तमान सरकार छात्रों को छात्रवृति से वंचित करने की साज़िश कर रही है।
 15 जुलाई को राज्य स्तरीय आंदोलन किया गया ।जिसमें सरकार के प्रतिनिधि द्वारा 10 दिनों के भीतर छात्र हित में कदम उठाने का आश्वासन दिया गया परंतु दिनांक 21 जुलाई 2021 को प्रतिष्ठित अखबारों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि कल्याण विभाग द्वारा छात्रवृत्ति आवेदन 2021-22 सत्र के लिए पोर्टल चालू करने की घोषणा कर दी गई है। विदित हो कि पूर्व में ही सत्र 2020-21 के छात्र-छात्राएं छात्रवृत्ति आवेदन और पोर्टल को पुनः चालू करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। साथ ही 2021-22 सत्र में नामांकन की प्रक्रिया अभी झारखंड के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रारंभ नहीं हुई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा 2021 तक के सभी सत्र के पाठ्यक्रमों की अंतिम परीक्षाओं को अगस्त तक पूरा किये जाने की सूचना जारी की है। तथा नामांकन अक्टूबर माह तक पूरे करने की बात कही है। ऐसी स्थिति में 2021-22 के नए नामांकित छात्र आवेदन से वंचित होंगे तथा जो अन्य छात्र सत्र विलम्ब के कारण छात्र अगले कक्षाओं में गए नही है।जिससे शिक्षण संस्थान 1 वर्ष में 2 बार बोनाफ़ायड सर्टिफिकेट जारी नही कर सकते है।ऐसे हालात में राज्य विभिन्न पाठ्यक्रमों के अधिकांश छात्र वंचित ही रह जाएंगे ।
ऐसे में संगठन द्वारा सत्र 2020-21 के छात्रवृत्ति आवेदन पोर्टल को पुनः चालू करने और सभी योग्य छात्रों को छात्रवृति की गारंटी की मांग की गई। अन्यथा संगठन, छात्रहित में आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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