नीमडीह थाना क्षेत्र के हेवन पंचायत में हाथी के मौत की मौत ।
चांडिल,सरायकेला जिला के नीमडीह थाना अंतर्गत हेवेन गांव में एक हाथी की मौत से वन विभाग की कमर तोड़ दिया ।बताया जा रहा विगत एक महीना पूर्व जिला पंचायत के आसपास एक हाथी की मौत जिसका अब तक खुलासा नहीं हुआ कैसे हाथी की मौत हुआ था। हेवन पंचायत में दुसरे हाथी की मौत हुई। इसके पुर्व में हाथी कुआं में गिरने से मौत हो गई। नीमडीह प्रखंड में अब तक यह पांचवां हाथी की मौत हुई।आज एक हाथी की मौत की कारण किया है। चांडिल वन क्षेत्र में एक माह के अंदर दो हाथी की मौत जो बड़ी सवाल उठता है । बार-बार हाथी के मौत के कारण वन विभाग द्वारा खुलासा नहीं किया , क्यों हो रहा है इस क्षेत्र में हाथी के मौत जो जांच की विषय है । वन एवं पर्यावरण विभाग के अनदेखी कारण आज चांडिल दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के गज परियोजना होते हुए आज हाथी पलायन करके भोजन के तलाश में ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के छोटे-बड़े जंगल हाथी की झुंड पलाश के बागान पर रहने पर मजबूर है प्रतिवर्ष केंद्र सरकार ओर राज्य सरकार द्वारा करोड़ों रुपया वन एवं पर्यावरण विभाग को जंगल एवं जंगली जीव जंतु के संरक्षण के लिए मुहैया करते हैं फिर भी हाथी पलायन करके गांव में ओर गांव के आसपास रहने पर मजबूर हे दलमा सेंचुरी में भोजन पानी और पौष्टिक आहार नहीं मिलने के कारण हाथी की झुंड ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र में विगत पांच छह वर्षों से डेरा डाले हुए हैं ।जो जांच की विषय हे ग्रामीणों का मानना है जंगली जीव जंतु एवं विशाल हाथी की झुंड द्वारा हमारे कमर तोड़ मेहनत के फसल को खाता एवं रौद डालते हैं ,साथी मनुष्य को देखते ही आक्रोशित होकर दौड़ाने लगते हैं गरीब किसान का मिट्टी का घर को टारगेट बनाकर रखी अनाज को अपना निवाला बनाते हैं। सवाल उठाता हे वर्षों के अंदर दर्जनों हाथी की मौत कारण किया हे , बार-बार हाथी की मौत के कारण क्या है, खेती की फसल बचाने के लिए बिजली के तार पर करंट लगने या कीटनाशक पदार्थ देकर फसल को सुरक्षित के अंतर्गत ऐसा माना जाता है, बिजली के झटका लगने से या फिर विषैली पदार्थ डाले हुए फसल खाने से हाथी की मौत हुई है जो जांच की विषय इस संबंध में चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी द्वारा पुष्टि नहीं किया गया हाथी का मौत कैसे हुआ हाथी देखने के लिए दर्जनों ग्रामीण घटनास्थल पहुंच चुके हैं।।
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