पेसा दिवस पर सामाजिक संगठनों का प्रतिनिधिमंडल, मुख्यमंत्री के प्रति जताया आभार।
चांडिल, पेसा दिवस के अवसर पर कोल्हान क्षेत्र के विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने चांडिल प्रखंड अंतर्गत पालना डैम के समीप एकत्र होकर पेसा कानून को लेकर गहन चिंतन–मंथन किया। इस दौरान झारखंड में पेसा नियमावली को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों ने माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी के प्रति आभार व्यक्त किया और इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया।कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप मे शक्तिपद हांसदा ने कहा कि पेसा (पंचायत विस्तार अनुसूचित क्षेत्र अधिनियम) केवल एक कानूनी प्रावधान नहीं, बल्कि यह ग्राम सभा को वास्तविक अधिकार, गरिमा और स्वशासन की संवैधानिक शक्ति प्रदान करने वाला एक क्रांतिकारी कदम है। पेसा के माध्यम से ग्राम सभाओं को प्राकृतिक संसाधनों, जल-जंगल-जमीन, परंपरागत व्यवस्था और स्थानीय विकास से जुड़े निर्णयों में निर्णायक भूमिका मिलेगी, जिससे जनजातीय समाज का सशक्तिकरण सुनिश्चित होगा।प्रतिनिधियों मे से दलमा टाइगर सुकलाल पहाडिया ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य सरकार ने आदिवासी अस्मिता, परंपरा और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए जो ठोस पहल की है, वह दूरदर्शी और ऐतिहासिक है। पेसा नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति मिलना झारखंड के लोकतांत्रिक इतिहास में एक स्वर्णिम मील का पत्थर साबित होगा। इससे ग्राम स्वराज की अवधारणा सशक्त होगी और विकास योजनाओं में स्थानीय समुदाय की भागीदारी बढ़ेगी।इस अवसर पर उपस्थित जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि पेसा के प्रभावी क्रियान्वयन से आदिवासी समाज को अपने पारंपरिक स्वशासन तंत्र को मजबूती देने का अवसर मिलेगा। साथ ही, बाहरी हस्तक्षेप पर रोक लगेगी और विकास स्थानीय जरूरतों के अनुरूप होगा।कार्यक्रम में प्रमुख रूप से दलमा टाइगर सुकलाल पहाड़िया,श्रावण सिंह मुड़ा, निरंजन सिंह मुंडा, उस्ताद देवनाथ सिंह मुंडा, बुद्धेश्वर सिंह मुंडा, रसराज सिंह मुंडा, शक्तिपद हांसदा,राधेश्याम भूमिज, डां सत्यनारायण मुर्मु, सोनु मुर्मु सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति एवं सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि उपस्थित थे। सभी ने एक स्वर में मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए पेसा कानून को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने की अपेक्षा जताई।

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