ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन सरायकेला खरसावां का सातवां जिला छात्र सम्मेलन संपन्न।


ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन सरायकेला खरसावां का सातवां जिला छात्र सम्मेलन संपन्न।
चांडिल,स्कूल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी, सत्र अनियमितता, परीक्षाफल में गड़बड़ी, अवैज्ञानिक सेमेस्टर सिस्टम, सीट कटौती व शिक्षा को बबर्बाद करने वाली नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के खिलाफ आदित्यपुर और कुकरू में सरकारी डिग्री कॉलेज की स्थापना एवं छात्रवृत्ति की समस्या दूर करने की मांग को लेकर ऑल इंडिया डेमोकेटिक स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन सरायकेला खरसावां जिला छात्र सम्मेलन डाक बंगला चांडिल में संपन्न हुआ। इस दौरान एसबी कालेज चांडिल, केएस कॉलेज सरायकेला, आदित्यपुर, कुकडू, से छात्र सम्मेलन में शामिल हुए। एआईडीएसओ से सैकड़ों छात्र हाथों में अपनी मांग का तख्ती लेकर सिंह भूम कॉलेज चांडिल से डाक बंगला स्टेशन चांडिल तक जुलूस निकाला।
अधिवेशन में राजनैतिक प्रस्ताव और सांगठनिक प्रस्ताव को पारित किया गया। मुख्य वक्ता के रूप में केंद्रीय कोषाध्यक्ष समसुल आलम एआईडीएसओ अपने स्थापना काल से ही जनवादी धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक शिक्षा की मांग को लेकर छात्रों को संगठित करने का काम कर रहा है। *आज झारखंड ही नहीं देश के सभी राज्यों में संगठन छात्रों की समस्याओं को लेकर आंदोलन संगठित कर रहा है। छात्र और शिक्षाप्रेमियों की यह लड़ाई सिर्फ शिक्षा बचाने की ही लड़ाई नहीं है, बल्कि सभ्यता और इंसानियत बचाने की भी लड़ाई है। प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा की बदहाली अपने चरम पर है। सरकार द्वारा शिक्षा बजट में कटौती एवं आवश्यक संसाधनों की कमी की वजह से आज सार्वजनिक शिक्षा हांफ रही है। सरकार द्वारा लायी गयी नयी शिक्षा नीति-2020 बची-खुची सरकारी शिक्षा को भी समाप्त कर रही है। यह शिक्षा नीति शिक्षा के निजीकरण, व्यापारीकरण व साम्प्रदायीकरण की ब्लूप्रिंट के सिवा कुछ नहीं है। शिक्षा का काम छात्रों में तार्किक सोच तथा वैज्ञानिक दृष्टिकोण पैदा करना होना चाहिए, जबकि नयी शिक्षा नीति-2020 में शिक्षण संस्थानों की स्वायत्तता को खत्म कर शिक्षा के केन्द्रीयकरण के नाम पर सारा नियंत्रण केन्द्र सरकार अपने हाथों में ले रही है। शैक्षिक प्रशासन को समग्र रूप से केंद्रीकृत करने का सरकार का प्रयास शिक्षा के मामलों को पूरी तरह से निरंकुश तरीके से नियंत्रित करने की प्रवृत्ति को इंगित करता है*।

राज्य सचिव सोहन महतो ने कहा कि सरकार सरकारी विद्यालयों को आधारभूत संरचनाओं व शिक्षकों की कमी का हवाला देकर बंद कर रही है। वहीं दूसरी ओर निजी शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा दे रही हैं। जिससे सरकारी शिक्षण संस्थान पूरी तरह से बबर्बाद हो रहा है। जिसका खामियाजा आम परिवार से आने वाले छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि कॉलेज की संख्या जिले में मात्र तीन है, जिसके कारण छात्र-छात्राएं माध्यमिक परीक्षा पास करे जा रहे हैं। परंतु उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए उन्हें लंबी दूरी तय करनी पड़ रही है। एआईडीएसओ इस स्थिति में खामोश नहीं रहेगा।

नई काउंसिल के नेतृत्व में सरायकेला-खरसावां जिले में शिक्षा व्यवस्था की जर्जर स्थिति को सुधारने को लेकर बृहद पैमाने पर छात्र आंदोलन का निर्णय लिया गया।
इस दौरान नए जिला काउंसिल का गठन किया गया।

अध्यक्ष विशेश्वर महतो
उपाध्यक्ष - कार्तिक गोप, प्रभात महतो,अमन सिंह
सचिव - युधिष्ठिर प्रमाणिक
कोषाध्यक्ष- राजा प्रामाणिक
कार्यालय सचिव- लक्कीकांत पातर
सहित 40 सदस्यों की काउंसिल का गठन किया गया।क्ष


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