सरकारी एम्बुलेंस खराब तो हरे लाल महतो का एम्बुलेंस बनी सहारा

नीमडीह में डायरिया का कहर: 15 मरीज अस्पताल में भर्ती, सरकारी एम्बुलेंस खराब तो हरे लाल महतो का  एम्बुलेंस सहारा बनी ।

चांडिल : सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड के बामनी गांव के रूपाडीह टोला में पिछले दो दिनों से डायरिया का प्रकोप फैल गया है। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब तक दो दर्जन से अधिक ग्रामीण इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। इनमें से 15 गंभीर मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
गांव में अचानक फैली इस बीमारी ने जहां स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं, वहीं दूसरी ओर स्थानीय समाजसेवी का सहयोग ग्रामीणों के लिए संजीवनी साबित हो रहा है।

एम्बुलेंस सेवा ठप, निजी सहयोग बना सहारा

सबसे बड़ी समस्या यह है कि नीमडीह क्षेत्र की 108 सड़क एम्बुलेंस कई दिनों से खराब पड़ी है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नीमडीह में भी कोई सरकारी एम्बुलेंस उपलब्ध नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीजों को अस्पताल पहुंचाना ग्रामीणों के लिए चुनौती बन गया था।

इसी बीच जन सेवा ही लक्ष्य संस्था के संस्थापक एवं समाजसेवी हरे लाल महतो आगे आए। उन्होंने अपने निजी एम्बुलेंस को न केवल निशुल्क सेवा के लिए उपलब्ध कराया, बल्कि स्वयं बीमार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। पिछले दो दिनों में उनके एम्बुलेंस से दर्जनों मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है।

“हर जरूरतमंद तक पहुंचाएंगे मदद” – हरे लाल महतो

समाजसेवी हरे लाल महतो का कहना है कि वे रूपाडीह गांव की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने बताया कि वे समय-समय पर मरीजों और उनके परिजनों से संपर्क कर स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं और जरूरत पड़ने पर तुरंत एम्बुलेंस उपलब्ध करवा रहे हैं।

यह घटना एक बार फिर से सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत को उजागर करती है। आपातकालीन सेवाओं की अनुपलब्धता और एम्बुलेंस व्यवस्था के ठप होने से मरीजों की जान खतरे में पड़ सकती थी। लेकिन स्थानीय समाजसेवी की तत्परता से हालात काबू में हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकारी स्तर पर स्वास्थ्य सेवाओं की समय पर उपलब्धता होती, तो मरीजों को इतनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता।

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