शक्ति, यौवन और यौवन के देवता, करम-देवता की पूजा की गई।
चांडिल शक्ति, यौवन और यौवन के देवता, करम-देवता की पूजा को समर्पित है। यह अच्छी फसल और स्वास्थ्य के लिए मनाया जाता है। भादो के चंद्र पक्ष की एकादशी तिथि (ग्यारहवां दिन)। यह त्यौहार हिंदू माह भादो की पूर्णिमा के 11वें दिन मनाया जाता है, जो अगस्त और सितंबर के बीच आता है।करमा पूजा का महत्व ये है कि हमारे कर्म किस्मत भाग्य के देवता कर्मडाल है. जो हमारे कर्म किस्मत को लिखते और बदल सकते है. इसलिए आदिवासी समाज इसका पूजा करता है. प्रकृति पूजा में झारखंड में सरहुल पूजा और जितिया पूजा किया जाता हैकरमा पूजा को करम पर्व या करमा महोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। इसे पद्मा एकादशी और भादो एकादशी भी कहा जाता है, क्योंकि यह भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। करम पर्व: यह एक फसल उत्सव है।
करमा महोत्सव: यह भी करम पर्व को संदर्भित करता है।
पद्मा एकादशी / भादो एकादशी: करम पर्व की तिथि के कारण इसे ये दूसरे नाम भी दिए जाते हैं।
यह पर्व मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में मनाया जाता है और अच्छी फसल, स्वास्थ्य और भाई की लंबी उम्र के लिए किया जाता है।
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