शहिद अजीत महतो एवं धनंजय महतो जी के 43 वें बलिदान दिवस लोग ने अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किया।
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चांडिल 21 अक्टूबर 1982 को तिरूलडीह गोलीकांड में बलिदान देने वाले अमर शहीद अजीत महतो एवं धनंजय महतो जी के 43 वें बलिदान दिवस पर कोटि कोटि नमन,।जिला सरायकेला खरसावां के अंतर्गत चांडिल अनुमंडल में 1982 को छात्र युवा मोर्चा के बैनर तले तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन के अंतिम दिन तिरुलडीह प्रखंड कार्यालय कैंप में पुलिस की गोली तत्काल छात्र नेता शहीद अजीत धनंजय महतो प्रखंड कार्यालय में ही शहीद हो गए थे। आज शहीद फौजी धनंजय महतो के 43 वा शहादत दिवस के उपलक्ष में सिरूम सहित चौक के बेदी पर शहीद स्मारक समिति कुकरू सिरुम के अध्यक्ष सह झारखंड आंदोलनकारी तथा प्रत्यक्षदर्शी सुनील कुमार महतो एवं समिति के संरक्षक मधुश्री महतो के अगुवाई में सैकड़ो समर्थकों के साथ शहीद धन्नजय महतो के धर्म पत्नी बारी महतो एवं पुत्र उपेंद्र नाथ महतो के साथ ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के शहीद स्थल तिरुलडीह एवं शहीद बेदी सिरुम से शहीद स्थल तिरुलडीह में मोटरसाइकिल की जुलूस में के शक्ल में प्रत्येक वर्ष की भ्रांति इस साल भी नमन श्रद्धांजलि माल्यार्पण अर्पित कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया।झारखंड आंदोलनकारी सुनील कुमार महतो ने कहा कि तत्कालीन क्षेत्र के विभिन्न समस्याओं के लिए तीन दिवसीय चांडिल नीमडीह एवं ईचागढ़ प्रखंड में लगातार तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रखंड कार्यालय तिरुलडीह मैं पुलिस की निर्मम गोली से निर्दोष छात्रों की हत्या किया गया था। तब इस समिति द्वारा श्रद्धांजलि कार्यक्रम करते आ रहे हैं आज की कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री पंचानन महतो गंगाधर महतो कृष्ण पद महतो आशीष कुमार महतो आशीष कुमार, पुलकेश अमित कुमार संजय महतो सौरभ कुमार महतो जितेंद्र नाथ महतो महतो आदि मुख्य रूप से शामिल थे । झारखंड की मिट्टी आप पर गर्व करती है। और मुझे भी गर्व है कि मैं भी शहीद पाहरू महतो का पोता हूँ
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