ग्राम सभा की बैठक में एसएम स्टील एंड पावर लिमिटेड के प्रस्तावित प्लांट के जन सुनवाई को बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
November 05, 2025
ग्राम सभा की बैठक में एसएम स्टील एंड पावर लिमिटेड के प्रस्तावित प्लांट के जन सुनवाई को बहिष्कार करने का निर्णय लिया।चांडिल,सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड के कई सुदूरवर्ती गांवों में एक बार फिर भूमि अधिग्रहण को लेकर बवाल शुरू हो गया है। आदरडीह गांव में एसएम स्टील एंड पावर लिमिटेड के प्रस्तावित प्लांट के खिलाफ ग्रामीणों ने ग्राम सभा कर जन सुनवाई के बहिष्कार का निर्णय लिया।चांडिल,सरायकेला जिला के नीमडीह प्रखंड अंतर्गत आदरडीह, सांगिड़ा, गौरडीह, वनडीह, लौवाबेड़ा और गौरीडीह गांवों में ग्रामीणों की भीड़ जुटी। लोग खुलकर कह रहे हैं कि ज़मीन हमारी है, और हमारी मर्जी के बिना कोई कंपनी यहां कदम नहीं रख सकती। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि एसएम स्टील एंड पावर लिमिटेड बिना किसी ब्लूप्रिंट, पर्यावरण योजना या प्रदूषण नियंत्रण की जानकारी दिए ही जमीन हड़पने में लगी है। ग्रामीणों का आरोप है कि उनकी ज़मीनें धोखे और फर्जीवाड़े से कंपनी के दलालों द्वारा खरीदी जा रही हैं, जबकि असली ज़मीन मालिकों को इसकी भनक तक नहीं लग रही।नीमडीह के आदरडीह में 11 नवंबर 2025 को कंपनी द्वारा बुलाई गई जन सुनवाई का ग्राम सभा और ग्रामीणों ने कड़ा विरोध किया और साफ शब्दों में कहा कि किसी भी कीमत पर सुनवाई नहीं होने दी जाएगी। इधर प्रशासन और कंपनी दोनों ही इस मुद्दे पर चुप हैं, लेकिन गांवों में गुस्सा लगातार उबाल पर है।करीब 12 सौ एकड़ भूमि पर एसएम स्टील एंड पावर लिमिटेड अपना प्लांट लगाना चाहती है, जिसमें साढ़े आठ हजार करोड़ का निवेश और चार हजार से अधिक लोगों को रोजगार देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन जिन किसानों की जमीन पर ये उद्योग खड़ा होना है, वे ही अब अपने हक के लिए सड़कों पर हैं। सवाल ये है कि क्या विकास की दौड़ में ग्रामीणों की जमीन और ज़िंदगी की कीमत कोई और तय करेगा, या सरकार अब उनकी आवाज़ सुनेगी.
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