महापर्व छठ पूजा के दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोकाकुल कर दिया।
प्रशासन की चेतावनी को भी नजरंदाज करने का परिणाम से सभी परेशान।
तीन डुबे लोग प्रशासन की प्रयास से बरामद किया गया।
चांडिल,सरायकेला-खरसावां: जिले के शहरबेड़ा छठ घाट पर सोमवार की शाम लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा के दौरान हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को शोकाकुल कर दिया है एक ही परिवार के तीन सदस्य नदी में डूब गए थे मंगलवार सुबह प्रशासन, NDRF और स्थानीय गोताखोरों के अथक प्रयास से तीन लाश को बरामद हुई। चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी विकास राय ने बताया कि प्रशासन के चेतावनी को नजरंदाज करके लोग घटना को अंजाम देते जिससे लोग और दुल्हन नजर डांस प्रशासन परेशान । इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार 45 वर्षीय संजय सिंह का शव बरामद कर लिया गया है इससे पहले 14 वर्षीय आर्यन यादव का शव सोमवार देर शाम मिल गया था जबकि तीसरे युवक 19 वर्षीय प्रतीक कुमार की तलाश अब भी जारी है घटना के बाद शहरबेड़ा घाट पर मातम पसरा हुआ है स्थानीय लोगों का कहना है कि आर्यन नहाते समय गहरे पानी में चला गया था उसे बचाने की कोशिश में संजय और प्रतीक भी तेज धारा में बह गए और देखते ही देखते श्रद्धा का माहौल चीख पुकार में बदल गयाहादसे की सूचना मिलते ही उपायुक्त नितीश कुमार सिंह और पुलिस अधीक्षक मुकेश लुणायत तुरंत घटनास्थल पहुंचे दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने रातभर NDRF और स्थानीय गोताखोरों के साथ रेस्क्यू अभियान की निगरानी की और सुबह होते ही फिर से खोज अभियान को तेज करने का निर्देश दिया डीसी ने कहा कि हमारी प्राथमिकता लापता युवक की खोज और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना है प्रशासनिक सक्रियता की यह तस्वीर जनता के मन में भरोसा जगाती हैडीसी और एसपी ने केवल स्थिति का जायजा लिया बल्कि पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदना भी व्यक्त की वहीं राहत कार्य में जुटे अधिकारियों और गोताखोरों को लगातार दिशा निर्देश देते रहे डीसी नितीश कुमार सिंह ने बताया कि जिस स्थान पर यह घटना हुई वह पहले से डेंजर जोन घोषित था फिर भी श्रद्धालु वहां पहुंच गए उन्होंने भविष्य में ऐसे हादसों को रोकने के लिए घाटों की सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी प्रणाली को और मजबूत करने का आश्वासन दिया की यह घटना जहां प्रशासनिक तत्परता और मानवीय संवेदना की मिसाल प्रेश करती है वहीं सुरक्षा प्रबंधन पर भी चेतावनी है डीसी और एसपी की त्वरित कार्रवाई तथा NDRF की सक्रियता से राहत कार्य को गति मिली लेकिन यह भी स्पष्ट है कि आने वाले समय में छठ जैसे बड़े आयोजनों में सुरक्षा व्यवस्था और जनजागरूकता को और सख्ती से लागू करने की जरूरत है ताकि श्रद्धा की डुबकी दुख में न बदल जाए
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