चातरमा गांव में वन विभाग के कर्मी ने जख्मी गज का उपचार कराया।

चातरमा गांव में वन विभाग के कर्मी ने जख्मी गज का उपचार कराया।
यह घटना लकड़ी ओर चतरमा जंगल में रेस्क्यू टीम पहुंच कर ट्रस्कर का इलाज किया

चाडिल वन क्षेत्र में गजों की आतंक से जहां लोग का जनजीवन अस्त व्यस्त देखा गया। लोग का कहना है कि दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से गजों से हाथी झुंड का झुंड भोजन पर्याप्त नहीं मिलने के कारण दलमा से पलायन करके ईचागढ़ विधानसभा के चारों प्रखंड के छोटे बड़े जंगल में डेरा डाला हुआ है। लोग का कहना है कि गांव में शाम ढलते ही हाथियों की झुंड भोजन की तलाश में गांव में प्रवेश करके उपद्रव मचाते देखा जा रहा है। घरों में तोड़ कर रखे अनाज को निकाला कर अपना निवाला बना लेता हैं।यह घटना लकड़ी ओर चातरमा जंगल में रेस्क्यू टीम पहुंच कर ट्रस्कर का इलाज किया ।इसी कर्म में यह ट्रस्कर गजराज के आगे की दाएं पैर में चोटे लगी ।ओर घाव ज्यादा गहरा होते देख कर चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी ओर डीएफओ की संज्ञान से पलामू सेंचुरी ओर दिल्ली से रेस्क्यु टीम द्वारा ट्रैकुलर गण से ट्रस्कर को बेहोशी की इंजेक्शन दिया गया ।दो बार गजों पर निशाना लगाया गया। उसके प्रश्चात गजों की इलाज किया गया। होश आने के रेस्क्यू टीम मुख्यालय वापस पहुंचे ।घटना एक सप्ताह पहले हाथी गांव में प्रवेश किया था ।ग्रामीणों भागने के दौरान ट्रस्कर गजराज को ट्रेक्टर की हॉल जोतने की फाल में ट्रस्कर की आगे की दाएं पैर में चोटे। लगे थी। ओर घाव ज्यादा गहरा होने की वजह से यह जंगली हाथी मनुष्य को देखते ही आक्रमण होता था। जिसे पूरे ग्रामीण भयभीत रहने लगा।


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