नीतियों के नाम पर केवल झारखंड के युवाओं को ठगा गया- आशा रानी पाल(राज्य अध्यक्षा, AIDSO)
झारखंड राज्य के गठन हुए 20 साल हो गए। इन 20 सालों में कई बार सत्ता में परिवर्तन हुआ लेकिन सत्ता परिवर्तन के बावजूद भी राज्य के रोजगार के अवसरों में बढ़ोतरी नहीं हुई, ना शिक्षा के विकास पर कोई ठोस कदम उठाया गया, सत्ता परिवर्तन होने के बावजूद भी राज्य के युवा सबसे अधिक ठगे गए।
20 साल के इस समय में अधिकांश सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया काफी जटिल एवं बाधाओं से भरा रहा । सही समय पर प्रतियोगी परीक्षाओं का ना तो आवेदन लिया जा सका है ना ही उनकी परीक्षाएं आयोजित की गई। ना ही उसके परीक्षा परिणाम को समय रहते जारी किया गया। और परीक्षा परिणाम जारी होने के बावजूद कई प्रकार की नीतिगत व्यवधान उत्पन्न हुई। जिसका खामियाजा यहां राज्य के युवाओं को भुगतना पड़ा।
एक आवेदन के लिए 5 साल से अधिक तक का समय इंतजार करना पड़ रहा है। विदित हो कि कल दिनांक 21 सितंबर 2020 को झारखंड हाई कोर्ट द्वारा पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा 2016 में लाई गई स्थानीयता नीति को निरस्त कर देने का फैसला दिया। इस विषय पर AIDSO छात्र संगठन कि राज्य अध्यक्ष आशा रानी पाल ने बयान जारी करते हुए कहा है कि सरकारों के अपने महाधिवक्ता होते है।
उनसे कानूनी सलाह ले कर नियम परिनियम बनाये जाने चाहिए।
मगर पूर्व की रघुवर सरकार द्वारा वोट की राजनीति में युवाओ को झोंक दिया गया।
जब 2016 में 13/11 फार्मूला,पूर्व की रघुवर सरकार ने लाया ,तब भी युवाओ का एक वर्ग आक्रोशित था।
और कल जब कोर्ट का निर्णय आया शिक्षक नियुक्ति को निरस्त करने का तब वैसे अभ्यार्थी शिक्षक के साथ खिलवाड़ हुआ।
*पूर्व की सरकार की भ्रष्ट राजनीति ने युवाओं का सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के लिए उपयोग किया है।
*जिसका परिणाम युवाओं को ही भुगतना पड़ रहा है।सत्ता परिवर्तन कर वर्तमान में गठबंधन की हेमंत सरकार झारखंड की सत्ता पर आसीन है।रघुवर सरकार की गलत नीतियों के कारण हेमंत सरकार को राज्य की जनता ने मौका दिया।मगर अब तक वर्तमान सरकार भी युवाओं और रोजगार के अवसर को लेकर ठोस कदम नही उठा पाई है।
*सत्ता परिवर्तन के बावजूद भी युवा हतोत्साहित और ठगे हुए महसूस कर रहे है। jpsc, jssc के भर्तियों में अनियमितता से सभी अवगत है।गलत नीतियों का परिणाम है कि छात्र परीक्षा में उत्तीर्ण होने के बावजूद न्यायालय के भरोसे पर रहते है।सरकारों ने महज़ झारखंड के संसाधनों को लुटने का काम किया है।
ऐसे में संगठन मांग करता है।अविलंब सही नीति का निर्माण कर रोजगार के अवसर को सृजित किया जाये।
गलत नीतियों को लागू करने वाली सरकार इसका जवाब दे।
सही समय पर परीक्षा आवेदन ,परीक्षा और परिणाम जारी करने हेतु सरल प्रकिया का निर्माण किया जाए।
अन्यथा संगठन आंदोलन हेतु बाध्य होगा।
2 Comments
Good bahut badhiya report
ReplyDeleteThnx
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