भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में श्रद्धापूर्वक मनाई गई ।

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में श्रद्धापूर्वक मनाई गई ।
सरायकेला चांडिल - नारायण आईटीआई लुपुंगडीह, चांडिल में आज भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती श्रद्धा, गरिमा और उत्साह के साथ मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत उनके चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित कर की गई।एडवोकेट निखिल कुमार* ने अपने उद्बोधन में कहा कि डॉ. राजेन्द्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, विनम्रता के प्रतीक और राष्ट्र सेवा के आदर्श पुरुष थे। उन्होंने कहा कि डॉ. प्रसाद का जीवन अनुशासन, त्याग और सादगी से परिपूर्ण था, जिसे today's youth को अपनाना चाहिए।एडवोकेट निखिल जी* ने प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्र निर्माण में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका है, और उन्हें डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के आदर्शों—ईमानदारी, कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभक्ति—से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ना चाहिए।इस अवसर पर मुख्य रूप से मौजूद रहे शांति राम महतो, प्रकाश महतो, शुभम साहू, संजीत महतो, पवन महतो, गौरव महतो, कृष्णा पद महतो, शशि प्रकाश महतो, आदि मौजूद रहे।

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